आज के समय में टेक्नोलॉजी जिस रफ़्तार से आगे बढ़ रही है उसके समान्तर चलना मुश्किल सा हो गया है। हमे कुछ न कुछ नया सुनने को मिलता रहता है। आज हम cloud computing के बारे में बताने वाले है।
आप में भी बहुत से ऐसे लोग होंगे जिन्हे Cloud Computing Kya Hai के बारे में नहीं पता होगा या पहले बार सुना होगा। आपको हम वह भी बताते चले की आप अपने दैनिक कार्यो में क्लाउड कंप्यूटिंग का इस्तेमाल कर रहे है।
बस आपको इसके बारे में पता नहीं लगता। इस तकनीक का इस्तेमाल करके google, facebook जैसी कम्पनिया अपने data को ऑनलाइन स्टोर करती है। तो चलो आपको विस्तार से समझते है की क्लाउड कंप्यूटिंग क्या होता है?
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Contents
- 1 Cloud Computing Kya Hai | what is cloud computing in hindi
- 2 क्लाउड कंप्यूटिंग का इतिहास (History of Cloud Computing)
- 3 Cloud Computing के उदहारण।
- 4 Cloud Computing कैसे काम करता है? | how cloud computing works in hindi
- 5 Cloud Computing के प्रकार। – Types of Cloud Computing in Hindi
- 6 क्लाउड कंप्यूटिंग सर्विस मॉडल (Cloud Computing Service Model)
- 7 Cloud computing के फायदे | advantages of cloud computing in hindi
- 8 क्लाउड कंप्यूटिंग के नुकसान (Disadvantage of Cloud Computing in Hindi)
Cloud Computing Kya Hai | what is cloud computing in hindi
Cloud Computing एक ऐसी तकनीक है जिससे आप अपने डाटा को ऑनलाइन स्टोर कर सकते है। इसमें आपको मिलने वाली सर्विसेज में से data storage और software आदि मुख्य service है।
आप cloud service का इस्तेमाल करके अपने डाटा को ऑनलाइन सर्वर पर स्टोर कर सकते है। इसका फायदा यह होता है की आपको दुनिया में कहि भी इस डाटा को access करना हो तो आसानी से कर सकेंगे।
उदहारण के लिए आप जैसे कोई भी आपका data होता है उसको अपने लैपटॉप या मोबाइल के अंदर सेव करके रखते है। यह जितना भी डाटा है आपके hard disk में या फिर memory card में स्टोरेज होता है।
अगर आपका लैपटॉप खराब हो जाए या मोबाइल चोरी हो जाए तो आपका जितना भी डाटा है हमेशा के लिए चला जाएगा।
आप cloud computing का इस्तेमाल करके अपने डाटा को मोबाइल या लैपटॉप की जगह ऑनलाइन सर्वर पर स्टोर कर सकते है। जब भी आपको जरुरत पड़े आप ऑनलाइन उसको access कर पाएंगे।
cloud computing का एक उदहारण google drive है। आप अपने डाटा को google drive पर जब भी अपलोड करते है तो आपका डाटा server पर स्टोर हो जाता है।
आपको जब भी कुछ लेना हो drive में जाकर डाउनलोड कर सकते है। तो google drive क्लाउड कंप्यूटिंग का ऐसा प्रकार है जिसको आप खुद इस्तेमाल कर रहे हो।
क्लाउड कंप्यूटिंग का इतिहास (History of Cloud Computing)
अगर हम Cloud Computing के इतिहास के बारे में बात करे तो इसकी शुरुआत सन 1960 से मानी जाती है। लेकिन उस इसका इस्तेमाल न के बराबर था।
क्युकी उस समय internet की शुरुआत भी सही से नहीं हो पायी थी। असल में cloud computing के विस्तार की बार करे तो यह सन 1990 में शुरू हुआ जब Salesforce नामक कंपनी ने लोगों को अपनी सर्विस देना शुरू किया।
इसके बाद यह प्रचलित होता चला गया। आज के समय की बात करी जाए तो Google, MicroSoft और Amazon जैसी अनेको कंपनी आपको cloud computing की सुविधा प्रदान करती है।
Cloud Computing के उदहारण।
अगर हम cloud computing के उदहारण की बात करे तो आज के समय में आप जितने भी बड़ी बड़ी tech company देखने को मिलती है सभी अपना डाटा ऑनलाइन server पर स्टोर करके रखती है।
इन कम्पनी की बात करे तो इनमे google, youtube और facebook जैसी मुख्य है।
- Google की मिलने वाली सुविधा google drive भी क्लाउड कंप्यूटिंग का उद्धरण है।
- आप जो भी online games खेलते है इनको cloud कंप्यूटिंग का इस्तेमाल करके सर्वर पर रखा जाता है।
- इसके अलावा आप अगर blogging करते है तो आप जब भी Web hosting लेते है तो इससे आपका डाटा online store होता है।
- Youtube पर जितने भी वीडियो अपलोड होते है ये सुब cloud computing टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते है।
- Facebook अपने सभी users का डाटा cloud computing का इस्तेमाल करके ऑनलाइन store करके रखती है।
Cloud Computing कैसे काम करता है? | how cloud computing works in hindi
इसके काम करने का तरीका यह है की cloud computing में बहुत से computers एक साथ सॉफ्टवेयर के माध्यम से जुड़े होते है। यही डाटा को सर्वर पर अपलोड से लेकर स्टोर करना का काम करते है।
Cloud computing मुख्यतः 2 तकनीक पर काम करता है। एक है एक है Front-End और दूसरी है Back-End आप नीचे इनके बारे में आसानी से समझ सकते है।
- जब भी कोई व्यक्ति क्लाउड कंप्यूटिंग का इस्तेमाल करके अपने डाटा को इंटरनेट के माध्यम से server पर अपलोड करता है या फिर सर्वर पर अपलोड डाटा को इस्तेमाल करता है तो इसमें इस्तेमाल होने वाली तकनीक को Front-End कहते है।
- दूसरी तरफ Back-End का मुख्यतः काम आके डाटा को सुरक्षित सर्वर पर रखने का होता है। आपके डाटा को सर्वर से कही डिलीट ना हो जाए इसको back end के द्वारा ऑपरेट किया जाता है।
Cloud Computing के प्रकार। – Types of Cloud Computing in Hindi
अगर हम cloud computing के प्रकार की बात करे तो इसको मुख्यतः 4 भागो में बता जाता है।
- पब्लिक क्लाउड कंप्यूटिंग (Public Cloud Computing)
- प्राइवेट क्लाउड कंप्यूटिंग (Private Cloud Computing)
- हाइब्रिड क्लाउड कंप्यूटिंग (Hybrid Cloud Computing)
- कम्युनिटी क्लाउड कंप्यूटिंग (Community Cloud Computing)
1. पब्लिक क्लाउड कंप्यूटिंग (Public Cloud Computing)
जैसा की नाम से लग रहा है यह clouding service सभी लोगो के लिए उपलब्ध होती है। इसका इस्तेमाल कोई भी कर सकता है। यह या तो फ्री होती है या फिर सर्विस प्रोवाइडर आपसे कुछ मामूली चार्ज करता है।
इस प्रकार की clouding services में पूरा कण्ट्रोल सर्विस प्रोवाइडर के पास रहता है। google cloud, Amazon Web Service (AWS ), Microsoft Azure आदि इसके मुख्य उदहारण हैं।
2. प्राइवेट क्लाउड कंप्यूटिंग (Private Cloud Computing)
प्राइवेट क्लाउड कंप्यूटिंग वह होती है जिसमे किसी व्यक्ति, संस्था या फिर कंपनी का डाटा या सर्विस किसी प्राइवेट सर्वर पर स्टोर रहता है। यह डाटा एक आईडी और पासवर्ड के माध्यम से secure किया हुआ होता है।
इस प्रकार के डाटा तक पहुंचने के लिए आपको पासवर्ड का पता होना बहुत जरुरी है। केवल वह व्यक्ति जिसके पास पासवर्ड हो वही डाटा तक पहुंच पायेगा। गूगल का ड्राइव इसका उदाहरण है।
3. हाइब्रिड क्लाउड कंप्यूटिंग (Hybrid Cloud Computing)
जब हम प्राइवेट क्लाउड और पब्लिक क्लाउड को एक साथ मिला देते है तो हाइब्रिड क्लाउड बनता है। इसमें पूरी जानकारी पब्लिक क्लाउड पर रखी जाती है और जितने भी फाइल्स या फिर सवेदनशील जानकारी होती है।
वो प्राइवेट क्लाउड पर रखी जाती है। जैसे आप कॉलेज की वेबसाइट देखते होने उसमे कोई भी आराम से जानकारी ले सकता है लेकिन कुछ जानकारी पाने के लिए आपको आईडी और पासवर्ड भरने होते है।
4. कम्युनिटी क्लाउड कंप्यूटिंग (Community Cloud Computing)
कम्युनिटी क्लाउड का इस्तेमाल आपको ज्यादातर आपको ज्यादातर दफ्ताओ में देखने को मिलता है। इसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब आप जानकारी को केवल एक समूह में ही पहुंचना चाहते है।
उदहारण के लिए आप जितने भी सरकारी या फिर बिज़नेस दफ्तर है इनमे कम्युनिटी क्लाउड कंप्यूटिंग का इस्तेमाल होता है।
क्लाउड कंप्यूटिंग सर्विस मॉडल (Cloud Computing Service Model)
Cloud से मिलने वाली सर्विस के आधार पर cloud computing को 3 भागो में बता गया है।
- (IaaS) Infrastructure As A Service
- (PaaS) Platform As A Service
- (SaaS) Software As A Service
1. (IaaS) Infrastructure As A Service
इस तरह की सर्विस को ज्यादातर business में इस्तेमाल किया जाता है। यह इन्टरनेट पर मैनेज एक कंप्यूटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर है।
इसमें नेटवर्क पावर, स्टोरेज और computing power का सारा controls user के पास होता है। जैसे Digital Ocean, Linode, Amazon Web Services (AWS) इसके उदाहरण है।
2. (PaaS) Platform As A Service
इस तरह की सर्विस में यूजर को या तो कुछ कंप्यूटिंग पावर दी जाती है या फिर कुछ फ्री स्टोरेज मिलती है। लेकिन जहां कंट्रोल की बात आती है इसका सारा कंट्रोल आपके सर्विस प्रोवाइड करने वाले के पास होता है।
उदाहरण की बात करे तो rediff, gmail, outlook आदि।
3. (SaaS) Software As A Service
SaaS एक प्रकार का सॉफ्टवेयर होता है जिसको सर्वर पर अपलोड करके रखा जाता है। इसको install करने की आवश्यकता नहीं होती है। इस तरह की सर्विस का ज्यादातर इस्तेमाल छोटे बिज़नेस दवारा किया जाता है।
उदाहरण के लिए google docs, Salesforce आदि।
Cloud computing के फायदे | advantages of cloud computing in hindi
अगर हम cloud computing के फायदो की बात करे तो हमे बहुत सी सुविधा मिल जाती है। जिसमे आपको कीमत से लेकर डाटा को प्रोसेस करने की स्पीड तक शामिल है। आप निचे दिए हुए कुछ फायदों को जान सकते है।
Low price (काम कीमत)
Cloud Computing आपको दूसरे हार्डवेयर डिवाइस के मुकाबले सस्ती पड़ती है। आप अपनी जरुरत के हिसाब से स्टोरेज को खरीद सकते है। अगर आपको 15 GB स्टोरेज की जरुरत है तो आप इतना ही खरीद सकते है।
दूसरी तरफ आप अगर हार्डडिस्क को खरीदेंगे तो आपको इसके मुकाबले कम विकल्प मिलते है और वे महंगे भी होते है।
Unlimited storage (अनलिमिट स्टोरेज)
आप चाहे अपना कितना भी डाटा हो उसको cloud पर स्टोर कर सकते है। इसमें आपको हार्डडिस्क की तरह लिमिट का स्टोरेज नहीं मिलता। जब भी आपको लगे की आपको ज्यादा स्टोरेज किये तो अपने हिसाब से बढ़ा ले।
Easy To Acess (डाटा एक्सेस करने में आसानी)
आप चाहे दुनिया में कही पर भी हो अगर आपको डाटा को अक्सेससकरना है तो आप internet के माध्यम से अपने या फिर कंप्यूटर पर access कर सकते है।
Fast Processing Power (ज्यादा प्रोसेसिंग पावर)
आपको इसमें अगर डाटा को access करना है तो आपको बहुत तेजी से access करने की सुविधा मिलती है। आपको दूसरे हार्डडिस्क वाले स्टोरेज से कई गुना तेजी देखने को मिलेगी।
इसमें डाटा प्रोसेस के लिए पॉवरफुल प्रोसेसर और हाई एंड हार्डवेयर लगे होते है।
Easy to use (इस्तेमाल करने में आसान)
अगर इसको इस्तेमाल करने की बात आये तो यह बहुत आसानी से किया जा सकता है। आपने खुद देखा होगा की आप आसानी से अपना डाटा गूगल ड्राइव पर अपलोड कर देते है। उसी तरह क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग किया जाता हैं।
क्लाउड कंप्यूटिंग के नुकसान (Disadvantage of Cloud Computing in Hindi)
जहा क्लाउड कंप्यूटिंग के फायदे हमे मिलते है उसके साथ कुछ नुकसान भी देखने को मिलता है तो चलो नुकसान के बारे में बताते है।
- इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है की इसकाइस्तेमाल करने के लिए आपको इंटरनेट की आवश्यकता होती है। अगर आपके पास इंटरनेट नहीं है तो आप अपने डाटा को एक्सेस नहीं कर पाओगे।
- इसमें सर्वर पर पूरा अधिकार सेवा देने वाली कंपनी के पास होता है।
- अगर आप किसी एक क्लाउड सर्वर से दूसरे कंपनी के सर्वर पर जाते है तो इसमें कुछ परेशानी देखने को मिल सकती है।
Cloud Computing Kya Hai Video
क्लाउड सर्विसेज क्या है?
किसी सर्विस को इंटरनेट के माध्यम से लोगो को उपलब्ध करना क्लाउड सर्विसेज कहलाती है। उद्धरण के लिए google drive, gmail etc.
- mPIN Kya Hota Hai – जाने फायदे और इसे कैसे बनाये 2023
- Gmail Account Delete Kaise Kare 2023 – हिंदी में जानकारी।
- Computer Me Hindi Typing Kaise Kare – बिना टाइपिंग सीखे।
- Coding Kya Hai – प्रकार और कैसे सीखे।
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निष्कर्ष :-
इस पोस्ट के माध्यम से हमने Cloud Computing Kya Hai के साथ साथ क्लाउड Cloud Computing के प्रकार का विस्तार से वर्णन किया है।
अगर आपको हमारे दवारा दी गयी जानकारी पसंद आये तो आगे भी शेयर जरूर करे। आपके मन में कोई सवाल हो की क्लाउड कंप्यूटिंग क्या होता है? तो आप कमैंट्स के माध्यम से पूछ सकते है।